Board Exam: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE - Central Board of Secondary Education) ने बोर्ड परीक्षा के संबंध में एक सर्कुलर जारी किया है। इसमें प्राइवेट छात्र-छात्राओं के लिए राहत की खबर दी गई है। इस सर्कुलर में सीबीएसई ने केंद्र अधीक्षकों को निर्देश दिया है कि वे सभी प्राइवेट परीक्षार्थियों को परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दें। फिर चाहे सीबीएसई द्वारा जारी उनके एडमिट कार्ड पर प्रधानाचार्य के हस्ताक्षर हों या न हों। हालांकि, बोर्ड ने प्रवेश पत्र पर अभिभावकों और उम्मीदवार के हस्ताक्षर को अनिवार्य बताया है।
बोर्ड ने कहा कि ये निर्देश कक्षा 10वीं और कक्षा 12वीं परीक्षाओं में शामिल होने वाले प्राइवेट परीक्षार्थियों को आने वाली अड़चनों को खत्म करने के लिए दिए गए हैं। बता दें, 15 फरवरी से सीबीएसई ने 10वीं और 12वीं की वार्षिक परीक्षाएं शुरू हुई हैं। अभी वैकल्पिक व अतिरिक्त विषयों की परीक्षाएं चल रही हैं।
परीक्षा नियंत्रक डॉ. सन्यम भारद्वाज ने कहा है कि सभी परीक्षा केंद्रों जहां पर बोर्ड की दसवीं और बारहवीं की परीक्षाएं आयोजित हो रही हैं वहां के केंद्र अधीक्षक प्राइवेट परीक्षार्थियों को परीक्षा देने की अनुमति दें। चाहे इन परीक्षार्थियों के प्रवेश पत्र पर प्रधानाचार्य द्वारा हस्ताक्षर नहीं भी किए गए हों।
इसी क्रम में, जहां छात्रों द्वारा बोर्ड परीक्षा से संबंधित सवाल के जवाब देते हुए बोर्ड ने यह स्पष्ट कर दिया है कि परीक्षार्थियों को प्री-बोर्ड परीक्षा के अंकों के आधार पर बोर्ड परीक्षा में बैठने से नही रोका जा सकता है।
इसके अलावा, बीते दिनों दिल्ली उच्च न्यायालय ने सीबीएसई कक्षा 12वीं के अकाउंटेंसी के सैंपल प्रश्न पत्रों में त्रुटियों को सुधारने की याचिका को खारिज कर दिया और याचिकाकर्ता पर जुर्माना लगाया। गौरतलब है इस साल 10वीं की परीक्षा में शामिल होने के लिए 18 लाख से अधिक विद्याथियों ने पंजीकरण कराया है। जबकि कक्षा 12वीं में पंजीकृत छात्रों की संख्या 12 लाख से ज्यादा है।Also read CBSE ने जारी की 2019 टॉपर्स की आंसर शीट
परीक्षा नियंत्रक डॉ. सन्यम भारद्वाज ने कहा है कि सभी परीक्षा केंद्रों जहां पर बोर्ड की दसवीं और बारहवीं की परीक्षाएं आयोजित हो रही हैं वहां के केंद्र अधीक्षक प्राइवेट परीक्षार्थियों को परीक्षा देने की अनुमति दें। चाहे इन परीक्षार्थियों के प्रवेश पत्र पर प्रधानाचार्य द्वारा हस्ताक्षर नहीं भी किए गए हों।
इसी क्रम में, जहां छात्रों द्वारा बोर्ड परीक्षा से संबंधित सवाल के जवाब देते हुए बोर्ड ने यह स्पष्ट कर दिया है कि परीक्षार्थियों को प्री-बोर्ड परीक्षा के अंकों के आधार पर बोर्ड परीक्षा में बैठने से नही रोका जा सकता है।
इसके अलावा, बीते दिनों दिल्ली उच्च न्यायालय ने सीबीएसई कक्षा 12वीं के अकाउंटेंसी के सैंपल प्रश्न पत्रों में त्रुटियों को सुधारने की याचिका को खारिज कर दिया और याचिकाकर्ता पर जुर्माना लगाया। गौरतलब है इस साल 10वीं की परीक्षा में शामिल होने के लिए 18 लाख से अधिक विद्याथियों ने पंजीकरण कराया है। जबकि कक्षा 12वीं में पंजीकृत छात्रों की संख्या 12 लाख से ज्यादा है।Also read CBSE ने जारी की 2019 टॉपर्स की आंसर शीट
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